
VW इलेक्ट्रिक कारों पर डीलरों के मुनाफे में कमी के मुनाफे में कमी, बिक्री मॉडल में बदलाव
हर वाहन निर्माता के लिए नए समय की चुनौतियाँ सिर्फ तकनीकी नवाचार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके बिक्री मॉडल और डीलरों की आय पर भी असर डालती हैं। जर्मनी की Volkswagen कंपनी ने 2026 से अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (BEVs) की बिक्री पर नए नियम लागू करने की योजना बनाई है, जिससे डीलरों के मुनाफे में बदलाव आने वाला है।
2026 की शुरुआत से, VW जर्मनी में अपने बिक्री साझेदारों को इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री पर परंपरागत बिक्री मॉडल के अनुसार मार्जिन देगी। लेकिन यहां एक बड़ी चुनौती यह है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिए डीलरों को मिलने वाला मार्जिन पारंपरिक इंजन वाले वाहनों की तुलना में दो प्रतिशत कम होगा। बेस मार्जिन दोनों मामलों में छह प्रतिशत होगा, लेकिन जहां पारंपरिक वाहनों पर अतिरिक्त चार प्रतिशत मार्जिन मिलता है, वहीं इलेक्ट्रिक कारों पर यह केवल दो प्रतिशत होगा। इसके अतिरिक्त, बोनस के रूप में लचीला मुआवजा भी मिलेगा।
Volkswagen Germany के प्रमुख Achim Schaible ने इस बदलाव की पुष्टि की है। उनका कहना है कि यह केवल Volkswagen तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में मार्जिन और बोनस की संरचना में गहरा बदलाव आ रहा है। Schaible के अनुसार, “संपूर्ण ऑटोमोबाइल उद्योग एक गहन परिवर्तन से गुजर रहा है, और इसका असर मार्जिन और बोनस की लॉजिक पर भी पड़ रहा है।”
नए बिक्री मॉडल में डीलरों की भूमिका
इस बदलाव के साथ, 2026 से इलेक्ट्रिक कारें फिर से परंपरागत चैनल के माध्यम से बेची जाएंगी। डीलर अब इन वाहनों को सीधे निजी ग्राहकों और छोटे व्यवसायों को अपने खाते पर बेचेंगे। वहीं, थोक बिक्री अभी भी एजेंसी मॉडल के तहत ही जारी रहेगी।
यह बदलाव डीलरों के लिए अवसर और चुनौती दोनों प्रस्तुत करता है। डीलरों की आय न केवल उनका व्यापार मुनाफा है, बल्कि ग्राहकों को छूट देने में उनकी भूमिका को भी प्रभावित करती है। चूंकि इलेक्ट्रिक कारों का मार्जिन पारंपरिक इंजन वाले वाहनों की तुलना में दो प्रतिशत कम है, इसलिए डीलरों के पास ग्राहकों को अधिक छूट देने की संभावना थोड़ी सीमित हो जाएगी। इसी वजह से, सूची मूल्य समान होने पर डीलर पारंपरिक कारों पर अधिक छूट दे सकते हैं।
Schaible का कहना है कि नए मॉडल के तहत डीलरों के पास व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण और ऑफ़र बनाने की अधिक स्वतंत्रता होगी। उन्होंने बताया कि अब यह डीलरों पर निर्भर है कि वे इस नई स्वतंत्रता का इस्तेमाल करके ग्राहकों को आकर्षक ऑफ़र दें।

डीलरों की प्रतिक्रिया
हालांकि कंपनी का दृष्टिकोण सकारात्मक है, डीलरों की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कई डीलर इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि नया मार्जिन और बिक्री मॉडल ग्राहकों के लिए पर्याप्त आकर्षक ऑफ़र देने के लिए पर्याप्त है। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक कारों की उच्च सूची मूल्य के कारण प्रतिस्पर्धी मूल्य प्रदान करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
यह नियम केवल जर्मनी बाजार पर लागू होगा। जर्मनी Volkswagen का गृह बाजार होने के कारण यह कदम यूरोप में अन्य देशों की बिक्री पर भी संकेतक का काम करेगा।
निष्कर्ष
Volkswagen का यह बदलाव यह दर्शाता है कि ऑटोमोबाइल उद्योग में इलेक्ट्रिक वाहन केवल तकनीकी बदलाव का विषय नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे वित्तीय और विपणन रणनीतियों में भी गहरा प्रभाव है। डीलरों को नए मार्जिन और बिक्री मॉडल के साथ संतुलन बनाए रखना होगा, ताकि ग्राहक आकर्षित रहें और बाजार की प्रतिस्पर्धा में VW की स्थिति मजबूत बनी रहे।
यह बदलाव उद्योग में एक बड़ा संकेत देता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते महत्व के साथ बिक्री संरचना और डीलरों की भूमिका भी लगातार विकसित हो रही है।
Disclaimer: यह लेख प्रकाशित रिपोर्ट और VW की आधिकारिक जानकारी पर आधारित है। मार्जिन, बिक्री मॉडल और बाजार की स्थिति समय और परिस्थितियों के अनुसार बदल सकती है।