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Porsche Infotainment System Metadata Dispute: रेडियो कंपनी ने वोक्सवैगन पर लगाया डेटा में छेड़छाड़ का आरोप

By: Anjon Sarkar

On: Tuesday, November 11, 2025 10:20 AM

Porsche Infotainment System
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Porsche Infotainment System Metadata Dispute: कार के स्क्रीन पर रेडियो डेटा बदलने से भड़का विवाद

आज की हाई-टेक दुनिया में कारें सिर्फ चलने का साधन नहीं रहीं, बल्कि चलती-फिरती डिजिटल डिवाइस बन चुकी हैं। हर ड्राइव अब टचस्क्रीन, नेविगेशन और स्मार्ट फीचर्स के साथ एक डिजिटल अनुभव देती है। लेकिन इसी तकनीक के दौर में एक नया विवाद सामने आया है — Porsche Infotainment System Metadata Dispute, जिसने रेडियो उद्योग में हलचल मचा दी है।

अमेरिका के जॉर्जिया राज्य की रेडियो कंपनी NIA Broadcasting के मालिक नील आर्डमैन (Neal Ardman) ने Volkswagen Group of America (जिसमें Porsche और Audi जैसी कंपनियां शामिल हैं) को एक cease and desist letter भेजा है। उनका आरोप है कि Porsche की इंफोटेनमेंट सिस्टम रेडियो चैनलों द्वारा भेजे गए मेटाडेटा (जैसे कि गाने का नाम, आर्टिस्ट का नाम, या तस्वीरें) को अपने सिस्टम से बदल देती है।


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: कहां से शुरू हुआ मामला

यह विवाद नील आर्डमैन की अपनी Porsche Taycan GTS से शुरू हुआ। उन्होंने देखा कि जब उनके रेडियो स्टेशन 106.3 WKBX (K-Bay 106) का सिग्नल कार के डिस्प्ले पर दिखता है, तो उसमें स्टेशन द्वारा भेजा गया डेटा नहीं दिखता।

इसके बजाय, Porsche का सिस्टम अपने डेटाबेस से खुद की जानकारी प्रदर्शित करता है — जो कई बार गलत, पुरानी या अधूरी होती है।

आर्डमैन के मुताबिक, “अगर श्रोता स्क्रीन पर गलत जानकारी देखते हैं, तो वे स्टेशन को जिम्मेदार ठहराते हैं। यह हमारे लिए विश्वास की समस्या पैदा करता है।”


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: सामाजिक और व्यावसायिक असर

नील आर्डमैन का कहना है कि यह सिर्फ तकनीकी दिक्कत नहीं है, बल्कि जनहित से जुड़ा मुद्दा है।
उन्होंने उदाहरण दिया कि हाल ही में किंग्सलैंड, जॉर्जिया में एक 15 वर्षीय बच्चा लापता हो गया था। उनकी रेडियो स्टेशन ने HD Radio के Artist Experience फीचर के जरिए उस बच्चे की तस्वीर और जानकारी अपने सिग्नल में भेजी, ताकि लोग उसकी पहचान कर सकें।

उनका दावा है कि यह तस्वीर अधिकतर कारों में तो दिखाई दी, लेकिन Porsche Taycan में नहीं।

इसके अलावा, उनके रेडियो चैनल विज्ञापनदाताओं के लिए भी मेटाडेटा आधारित एड कैंपेन चलाते हैं। लेकिन Porsche की स्क्रीन पर ये विज्ञापन भी दिखाई नहीं देते। आर्डमैन के अनुसार, “अगर कार निर्माता यह तय करने लगें कि कौन-से विज्ञापन या डेटा दिखाए जाएंगे और कौन-से नहीं, तो यह उतना ही खतरनाक है जितना टीवी निर्माता द्वारा किसी विज्ञापन को ब्लॉक करना।”


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: कानूनी कदम और चेतावनी

नील आर्डमैन ने Volkswagen Group of America और उसकी सहायक कंपनियों (जैसे Porsche और Audi) को 7 नवंबर को एक कानूनी नोटिस भेजा है।

उन्होंने कंपनी से 10 दिनों के अंदर जवाब देने और यह बताने की मांग की है कि कौन-कौन से मॉडल इस तकनीकी समस्या से प्रभावित हैं, और कब तक इसका समाधान किया जाएगा।

अगर कंपनी जवाब नहीं देती, तो आर्डमैन ने साफ कहा है कि वे इस मामले को फेडरल कोर्ट में ले जाएंगे।

उनका कहना है कि VW की इंफोटेनमेंट प्रणाली द्वारा इस तरह के बदलाव “consumer deception”, यानी उपभोक्ताओं को गुमराह करने और FCC नियमों के उल्लंघन के बराबर हैं।


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: Porsche और VW की प्रतिक्रिया

फिलहाल, Porsche की ओर से इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा है कि उन्हें अभी तक आर्डमैन का पत्र प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए वे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते।

Volkswagen ने भी इस विवाद पर अब तक चुप्पी साध रखी है।


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: तकनीकी दुनिया में पारदर्शिता की जरूरत

यह विवाद तकनीक के उस पहलू को उजागर करता है जिसके बारे में बहुत कम लोग सोचते हैं। आज जब कारें “connected devices” बन चुकी हैं, तो यह जरूरी है कि डेटा की पारदर्शिता (transparency) और मालिकाना अधिकार (data ownership) पर स्पष्ट नियम हों।

रेडियो प्रसारण के लिए मेटाडेटा सिर्फ जानकारी नहीं है, बल्कि सामाजिक संचार का माध्यम भी है। जब ऑटोमोटिव कंपनियां उस डेटा को बदलने लगती हैं, तो न केवल व्यवसायिक पारदर्शिता पर असर पड़ता है, बल्कि पब्लिक सेफ्टी जैसी संवेदनशील जानकारियां भी प्रभावित होती हैं।


Porsche Infotainment System Metadata Dispute: भविष्य का संकेत

नील आर्डमैन पहले भी ऑटोमोबाइल कंपनियों के खिलाफ बोल चुके हैं। साल 2023 में उन्होंने यह दावा किया था कि इलेक्ट्रिक वाहनों से निकलने वाला रेडियो इंटरफेरेंस (radio interference) पारंपरिक AM रेडियो सिग्नल को प्रभावित कर रहा है।

अब, यह नया विवाद दिखाता है कि रेडियो प्रसारण और आधुनिक कार तकनीक के बीच खींचतान अभी खत्म नहीं हुई है।

अगर अदालत में यह मामला जाता है, तो इसका असर न केवल Volkswagen या Porsche पर बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ सकता है।


निष्कर्ष: तकनीक का विकास ज़रूरी, लेकिन पारदर्शिता भी उतनी ही अहम

Porsche Infotainment System Metadata Dispute यह साबित करता है कि जब तकनीक आगे बढ़ती है, तो पारदर्शिता और नैतिकता को भी साथ लेकर चलना चाहिए।

कारों में जितनी तेजी से डिजिटल फीचर्स बढ़ रहे हैं, उतनी ही ज़िम्मेदारी कंपनियों की भी बढ़ती जा रही है कि वे उपभोक्ताओं और प्रसारण संस्थानों के अधिकारों का सम्मान करें।


Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक रिपोर्ट्स और उपलब्ध मीडिया स्रोतों पर आधारित है। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। किसी भी कानूनी या तकनीकी विवाद पर निर्णय संबंधित पक्षों और न्यायालय के अधीन होगा।

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