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Ola Electric Achieves Milestone with ARAI Certification for In-House Battery Technology: ओला इलेक्ट्रिक ने हासिल की ऐतिहासिक सफलता

By: Anjon Sarkar

On: Tuesday, October 28, 2025 8:58 AM

 Ola Electric Achieves Milestone
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का दौर अब और भी रोमांचक हो गया है, क्योंकि Ola Electric ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है जो पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। कंपनी को Ola Electric Achieves Milestone ARAI (Automotive Research Association of India) की ओर से अपनी पूरी तरह से इन-हाउस विकसित 5.2 kWh बैटरी पैक के लिए आधिकारिक प्रमाणन प्राप्त हुआ है। यह बैटरी पैक अत्याधुनिक 4680 Bharat Cells पर आधारित है और AIS-156 Amendment 4 मानकों का पूर्ण रूप से पालन करता है। यह मील का पत्थर साबित करता है कि अब भारत भी विश्वस्तरीय बैटरी तकनीक में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है।


भारत की ईवी क्रांति का नया अध्याय: Ola Electric Achieves Milestone with ARAI Certification for In-House Battery Technology

ओला इलेक्ट्रिक अब भारत की पहली ईवी निर्माता कंपनी बन गई है जिसने पूरी तरह से स्वदेशी स्तर पर विकसित 4680 Bharat Cell बैटरी पैक के लिए ARAI से मंजूरी प्राप्त की है। यह बैटरी पैक अब जल्द ही कंपनी के लोकप्रिय स्कूटर में इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर रेंज, ज्यादा परफॉर्मेंस और उच्च सुरक्षा का अनुभव मिलेगा।

यह उपलब्धि सिर्फ एक तकनीकी प्रमाणन नहीं, बल्कि भारत के “मेक इन इंडिया” और “क्लीन एनर्जी” विज़न की दिशा में एक निर्णायक कदम है। ओला की यह सफलता आने वाले समय में भारतीय ईवी उद्योग को नई ऊर्जा देगी और वैश्विक बाजारों में भारत की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करेगी।


कठिन परीक्षणों से मिली मंजूरी: Ola Electric Achieves Milestone with ARAI Certification for In-House Battery Technology

इस सर्टिफिकेशन तक पहुंचना किसी आसान यात्रा की तरह नहीं था। ओला की नई 5.2 kWh बैटरी पैक को ARAI ने कई कठोर परिस्थितियों में परखा, ताकि इसकी विश्वसनीयता और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। इसमें बैटरी को पानी में डुबोकर जांचा गया (Water Immersion Test), कंपन सहनशीलता (Vibration Durability) और थर्मल शॉक (Thermal Shock Resistance) जैसे कठिन परीक्षण शामिल थे।

इन सभी परीक्षणों में ओला की बैटरी ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे यह साबित हुआ कि कंपनी का इन-हाउस डेवलपमेंट न केवल अत्याधुनिक तकनीक से लैस है बल्कि सुरक्षा और स्थायित्व के मामले में भी किसी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड से कम नहीं।


ओला की रणनीति और भविष्य की योजना

यह उपलब्धि ओला इलेक्ट्रिक की वर्टिकल इंटीग्रेशन रणनीति को मजबूती देती है, जिसके तहत कंपनी अपने सभी प्रमुख घटकों को खुद विकसित कर रही है। इस रणनीति से न केवल ओला की सप्लाई चेन पर निर्भरता कम होगी, बल्कि कंपनी अपनी Gigafactory के माध्यम से बड़े पैमाने पर बैटरी सेल का उत्पादन करने में सक्षम होगी।

इसका सीधा लाभ ग्राहकों को मिलेगा — उन्हें अधिक रेंज, तेज चार्जिंग और टिकाऊ परफॉर्मेंस का अनुभव होगा। वहीं कंपनी को भी लागत में कमी और उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी का फायदा मिलेगा।

ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने इस उपलब्धि पर कहा,

“यह हमारे मिशन का एक ऐतिहासिक क्षण है। ARAI सर्टिफिकेशन न केवल हमारे इनोवेशन की पहचान है, बल्कि यह भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक निर्णायक कदम भी है। हम जल्द ही इन नई बैटरियों से लैस वाहन भारतीय सड़कों पर उतारेंगे।”


भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम

यह सर्टिफिकेशन केवल एक कंपनी की जीत नहीं, बल्कि भारत की EV Technology Independence की दिशा में एक प्रतीकात्मक कदम है। अब जब ओला अपने स्वयं के 4680 Bharat Cell का निर्माण करेगी, तो उसे विदेशी बैटरी निर्माताओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इससे देश में नई नौकरियां, नई फैक्ट्रियां और नई संभावनाएं पैदा होंगी।

साथ ही, यह विकास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। नई बैटरी तकनीक ऊर्जा की खपत को कम करेगी और ईवी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाएगी, जिससे कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आएगी।


निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए संकेत

हालांकि कंपनी के शेयर प्रदर्शन में पिछले कुछ महीनों में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है — जहां एक साल में करीब -33% की गिरावट रही — लेकिन यह उपलब्धि ओला के लिए एक सकारात्मक मोड़ साबित हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सर्टिफिकेशन के बाद कंपनी की बाजार स्थिति और उपभोक्ता विश्वास में तेजी से सुधार देखने को मिलेगा।


भविष्य की दिशा में बढ़ता भारत

ओला इलेक्ट्रिक की यह उपलब्धि उस भारत का प्रतीक है जो अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं बल्कि इनोवेशन का निर्माता बन रहा है। आने वाले वर्षों में जब ओला अपनी Gigafactory से 4680 Bharat Cells का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू करेगी, तब भारत न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि वैश्विक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बाजार में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।


Disclaimer:

यह लेख केवल सूचना और जागरूकता के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें उल्लिखित सभी आंकड़े और विवरण विश्वसनीय समाचार स्रोतों पर आधारित हैं। पाठकों से अनुरोध है कि निवेश या खरीद निर्णय लेने से पहले स्वयं जांच करें या किसी विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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