
छह-सीटर कारें क्यों बन रही हैं नई फैमिली की पहली पसंद
कभी जिन छह-सीटर कारें (Six-Seater Cars) छह-सीटर कारों को लोग ‘अनावश्यक लग्ज़री’ मानते थे, आज वही भारतीय सड़कों पर परिवारों की नई पहचान बनती जा रही हैं। जैसे-जैसे समय बदल रहा है, वैसे-वैसे लोगों की जीवनशैली और ज़रूरतें भी बदल रही हैं। दो बच्चों वाले परिवारों की बढ़ती संख्या, साथ में “वीकेंड गेटअवे” का चलन, और इलेक्ट्रिक वाहनों की तकनीकी प्रगति ने छह-सीटर कारों को एक नई दिशा दी है। अब ये सिर्फ बड़ी कारें नहीं, बल्कि आराम, सुरक्षा और स्टाइल का सही संगम बन चुकी हैं।
छह-सीटर कारें: परिवारों की नई ज़रूरत और बढ़ती लोकप्रियता
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में हो रहे बदलावों के बीच, छह-सीटर कारों का बाजार तेजी से उभर रहा है। पहले जहां सात-सीटर मॉडल्स अधिक प्रचलित थे, वहीं अब छह-सीटर मॉडल्स की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऑटोहोम के आंकड़ों के अनुसार, 2025 में पहली बार छह-सीटर कारों की चर्चा सात-सीटर कारों से ज्यादा रही। ख़ास बात यह है कि इन कारों में रुचि दिखाने वाले 90% ग्राहक विवाहित हैं, जिनके बच्चे हैं या जिनका परिवार बड़ा है।
इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के क्षेत्र में यह ट्रेंड और भी स्पष्ट है। करीब 21% संभावित ग्राहक अब सिर्फ छह-सीटर इलेक्ट्रिक कार खरीदने का विचार रखते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है इन वाहनों में मिलने वाली आरामदायक स्वतंत्र सीटें, बेहतर ट्रैवल अनुभव और शानदार स्पेस मैनेजमेंट।
2019 से अब तक: छह-सीटर कारों की क्रांति
2019 से छह-सीटर कारों की लॉन्चिंग में जबरदस्त उछाल देखा गया। 2025 तक यह आंकड़ा 339% बढ़ चुका है। शुरुआती दौर में MPV मॉडल्स का दबदबा था, लेकिन अब SUVs इस सेगमेंट की जान बन चुकी हैं। आज 88% नए छह-सीटर मॉडल SUV सेगमेंट से आते हैं, जो उपभोक्ताओं की पसंद के साथ पूरी तरह मेल खाता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के आने से इस बदलाव को और बल मिला है। 2025 तक लॉन्च होने वाले नए छह-सीटर मॉडलों में से 79% इलेक्ट्रिक हैं। महंगे ईंधन के समय में, ये कारें न केवल सस्ती साबित हो रही हैं बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर विकल्प बन चुकी हैं।

कीमतें हुईं सुलभ, आराम में हुआ अपग्रेड
पहले छह-सीटर कारें सिर्फ बड़े बजट वाले ग्राहकों के लिए होती थीं, लेकिन अब ये आम परिवारों की पहुंच में हैं। जहां 2019 में आधी कारों की कीमत 50 लाख रुपये से अधिक थी, वहीं अब 20 से 40 लाख रुपये के बीच कई आकर्षक विकल्प मौजूद हैं।
इसके साथ ही कारों का आकार और स्पेस दोनों बढ़ चुके हैं। नए मॉडल्स का व्हीलबेस 8-12% तक बड़ा हुआ है, जिससे तीसरी रो की सीटें अब सिर्फ “आपातकालीन उपयोग” नहीं रहीं, बल्कि लंबी यात्रा में भी आरामदायक साबित हो रही हैं।
तकनीक ने बदल दी ड्राइविंग का अनुभव
लंबी और बड़ी कार चलाने का डर अब बीते जमाने की बात है। आधुनिक तकनीक ने छह-सीटर कारों को चलाना आसान बना दिया है। 2025 तक नए इलेक्ट्रिक छह-सीटर वाहनों में 89% में पार्किंग असिस्ट स्टैंडर्ड फीचर बन चुका है, जबकि 360° कैमरा सिस्टम लगभग 100% कारों में उपलब्ध है।
इसी के साथ, “ज़ीरो ग्रैविटी सीट्स” जैसी लग्ज़री अब सिर्फ महंगी कारों तक सीमित नहीं रहीं। 40% से अधिक इलेक्ट्रिक छह-सीटर मॉडलों में यह फीचर दिया जा रहा है, जो लंबे सफर को आरामदायक और रिलैक्सिंग बना देता है।
मनोरंजन और आराम का संगम – नई पीढ़ी की छह-सीटर कारें
आधुनिक परिवारों के लिए अब सिर्फ सफर नहीं, बल्कि सफर के दौरान का अनुभव मायने रखता है। इसलिए कार कंपनियां अब बड़े रियर-सीट स्क्रीन, इन-कार प्रोजेक्टर और मूवी-जैसा एंटरटेनमेंट सिस्टम देने लगी हैं। कुछ कारों में 20 इंच से बड़े डिस्प्ले तक दिए जा रहे हैं, जो चलते-फिरते ‘मिनी सिनेमा हॉल’ का एहसास कराते हैं।
भविष्य की ओर कदम – छह-सीटर कारों की नई दिशा
अब जबकि परिवारों की जीवनशैली बदल रही है, “तीन-पीढ़ी वाले परिवार” का चलन बढ़ रहा है। ऐसे में छह-सीटर कारें न केवल स्पेस बल्कि “सुविधा” का नया प्रतीक बन गई हैं। भविष्य में स्लाइडिंग डोर, ऑटोमैटिक पेडल, रोटेटिंग सीट्स जैसी सुविधाएँ इन कारों की पहचान होंगी।
कुल मिलाकर, छह-सीटर कारें अब सिर्फ वाहनों की श्रेणी नहीं, बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव बन चुकी हैं – परिवारों को और करीब लाने का ज़रिया। यह सेगमेंट अब “निच” नहीं रहा, बल्कि एक नई ब्लू ओशन क्रांति बन चुका है, जहां हर ऑटोमोबाइल ब्रांड अपनी छाप छोड़ना चाहता है।
Disclaimer:
यह लेख उपलब्ध ऑटोमोबाइल उद्योग के डेटा और रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य के लिए है। वास्तविक फीचर्स, कीमतें और स्पेसिफिकेशन वाहन निर्माता कंपनी के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं।




