
Volkswagen के 12 बिलियन यूरो की बचत योजना से अमेरिका की इलेक्ट्रिक कारें प्रभावित होंगी
दुनिया की मशहूर ऑटोमोबाइल कंपनी Volkswagen (VW) Volkswagen Cost-Cutting Measures इन दिनों अपने वित्तीय हालात सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर खर्चों में कटौती करने की तैयारी कर रही है। कंपनी का लक्ष्य है कि साल 2026 तक लगभग 12 बिलियन यूरो यानी करीब ₹1.08 लाख करोड़ रुपये की बचत की जाए। लेकिन इस कदम का सीधा असर अब अमेरिका में उसकी इलेक्ट्रिक कार योजनाओं (EV Models) पर पड़ने वाला है।
Volkswagen की फाइनेंशियल चुनौती और बड़ी बचत योजना
जर्मन बिजनेस मैगज़ीन Manager Magazin की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर के आखिर में कंपनी के CFO आर्नो एंटलिट्ज़ (Arno Antlitz) और उनके तीन सहयोगियों — VW Passenger Cars के डेविड पॉवेल्स, Audi के जर्गेन रिटरस्बर्गर और Porsche के जोचन ब्रेकनर — ने एक कॉन्फ्रेंस कॉल की। इस मीटिंग में तय किया गया कि कंपनी को अगले साल में ही 12 बिलियन यूरो अतिरिक्त कैश फ्लो जुटाना होगा।
यह निर्णय अचानक और बहुत बड़े स्तर का है, जिसे कंपनी के अंदर “Massive Savings Shock” कहा जा रहा है। VW की वित्तीय स्थिति इस समय उम्मीदों के मुताबिक नहीं है। 2024 के लिए कंपनी ने नेट कैश फ्लो का लक्ष्य 5 बिलियन यूरो रखा था, लेकिन इस साल वह “लगभग शून्य” या नकारात्मक (-7 बिलियन यूरो) तक पहुंचने की आशंका है। ऐसे में यह बचत योजना कंपनी के लिए “वित्तीय अस्तित्व” की लड़ाई बन चुकी है।
US मार्केट और ट्रम्प सरकार के नए टैरिफ का असर
Volkswagen के लिए हालात और कठिन इसलिए हो गए हैं क्योंकि उसके प्रमुख बाजार — चीन और उत्तर अमेरिका (North America) — अब पहले जितना मुनाफा नहीं दे रहे।
अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए कार आयात टैरिफ ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है, खासकर उन ब्रांड्स के लिए जो अमेरिका में निर्माण नहीं करते, जैसे Audi और Porsche।

ID.4 प्रोडक्शन अस्थायी रूप से रुका
सितंबर 2025 में कंपनी ने घोषणा की थी कि वह टेनेसी (Chattanooga) स्थित प्लांट में अपनी इलेक्ट्रिक SUV ID.4 का उत्पादन अक्टूबर के अंत से अस्थायी रूप से रोकने जा रही है।
हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया कि उत्पादन कब दोबारा शुरू होगा, लेकिन यह साफ है कि अमेरिकी EV टैक्स क्रेडिट की समाप्ति ने कंपनी की योजनाओं पर बड़ा असर डाला है। टैक्स इंसेंटिव खत्म होने के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बढ़ने की आशंका है, जिससे मांग में कमी आ सकती है।
Scout ब्रांड की उम्मीदों पर भी पड़ा असर
Volkswagen के लिए एक और झटका उसके नए Scout ब्रांड को लगा है। यह ब्रांड कंपनी की अमेरिकी उम्मीदों का प्रतीक था। योजना थी कि इसके तहत एक इलेक्ट्रिक SUV और एक इलेक्ट्रिक पिकअप ट्रक लॉन्च किया जाएगा।
मूल रूप से यह दोनों मॉडल्स Battery Electric Vehicles (BEV) के रूप में आने वाले थे, लेकिन अब खबर है कि ये गाड़ियां पहले रेंज एक्सटेंडर (Range Extender) के साथ आएंगी — यानी इनमें Combustion Engine का भी उपयोग होगा।
इस बदलाव के चलते कंपनी को जहां मुनाफे की उम्मीद थी, वहीं अब करीब 1 बिलियन यूरो का नुकसान होने की आशंका है।
अमेरिका में नेतृत्व और रणनीति में बदलाव
इस आर्थिक दबाव का असर कंपनी के अमेरिकी नेतृत्व पर भी दिखने लगा है। दिसंबर 2024 से Kjell Gruner Volkswagen Group of America के CEO हैं, लेकिन अब कहा जा रहा है कि उनकी स्थिति “on the ropes” यानी अस्थिर हो गई है।
VW ब्रांड के वैश्विक प्रमुख थॉमस शेफ़र (Thomas Schäfer) ने अमेरिकी यूनिट में कई नई नियुक्तियाँ की हैं ताकि बिजनेस को स्थिर किया जा सके और लागत कम की जा सके।
Porsche और Audi के लिए नई आर्किटेक्चर योजना
फंड बचाने के लिए VW ग्रुप ने एक और बड़ा फैसला लिया है — अब Porsche Taycan की दूसरी पीढ़ी और Audi A6 के अगले मॉडल को एक ही आर्किटेक्चर प्लेटफॉर्म पर बनाया जाएगा।
हालांकि इससे लागत कम होगी, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह रणनीति जोखिम भरी है, क्योंकि स्पोर्ट्स कारों को सैलून प्लेटफॉर्म पर बनाना अक्सर प्रदर्शन और बिक्री दोनों को प्रभावित कर सकता है।
Volkswagen के सामने चुनौतियाँ और आगे की राह
Volkswagen Group आज उस मोड़ पर है जहाँ उसे अपनी रणनीति को फिर से परिभाषित करना होगा।
जहाँ एक ओर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दौड़ तेज़ हो रही है, वहीं VW को अपनी EV योजनाओं में भारी कटौती करनी पड़ रही है।
कंपनी के लिए यह समय कठिन जरूर है, लेकिन इसके इतिहास ने हमेशा दिखाया है कि Volkswagen संकट से उबरने में माहिर है।
अगर यह समूह अपनी तकनीकी और डिज़ाइन क्षमता को सही दिशा में मोड़ सके, तो यह फिर से दुनिया के EV बाजार में अग्रणी बन सकता है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी Manager Magazin और अन्य अंतरराष्ट्रीय ऑटो रिपोर्ट्स पर आधारित है। VW Group द्वारा की गई घोषणाएँ समय के साथ बदल सकती हैं। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी निवेश या निर्णय से पहले कंपनी के आधिकारिक बयान या वेबसाइट की जाँच अवश्य करें।




