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 EV Costs To Match Petrol Car Prices Soon: नितिन गडकरी का बड़ा ऐलान, अब इलेक्ट्रिक कारें होंगी आम लोगों की पहुंच में

By: Anjon Sarkar

On: Saturday, October 18, 2025 11:48 AM

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 EV Costs To Match Petrol Car Prices Soon : भारत में शुरू होने जा रहा है सस्ता इलेक्ट्रिक युग

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का भविष्य अब सिर्फ सपना नहीं, बल्कि हकीकत बनने जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया है जिसने पूरे ऑटोमोबाइल सेक्टर में उत्साह की लहर दौड़ा दी है। उन्होंने कहा कि आने वाले चार से छह महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल वाहनों के बराबर हो जाएंगी। यह घोषणा भारत के ग्रीन मोबिलिटी मिशन के लिए एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।

गडकरी ने यह ऐलान नई दिल्ली में आयोजित 20वें FICCI हायर एजुकेशन समिट 2025 के दौरान किया। उन्होंने कहा कि भारत को फॉसिल फ्यूल्स (जैसे पेट्रोल और डीज़ल) पर निर्भरता खत्म करनी होगी क्योंकि हर साल ₹22 लाख करोड़ का भारी विदेशी मुद्रा खर्च इन इंधनों के आयात पर होता है। उन्होंने साफ कहा कि स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग केवल पर्यावरण के लिए नहीं बल्कि देश की आर्थिक प्रगति के लिए भी अत्यंत जरूरी है।

 Electric Vehicle Price Parity: चार से छह महीने में बदल जाएगी तस्वीर

नितिन गडकरी का कहना है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें बहुत जल्द पेट्रोल कारों के समान हो जाएंगी। उन्होंने कहा, “Within the next 4-6 months, the cost of electric vehicles will be equivalent to the cost of petrol vehicles.”

यह बयान उन करोड़ों भारतीयों के लिए उम्मीद की किरण है जो इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहते हैं लेकिन महंगी कीमतों के कारण अब तक रुक गए थे। इस घोषणा के साथ भारत में इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने की गति में तेजी से उछाल आने की संभावना है।

 India’s Automobile Industry Growth: भारत बनेगा ऑटोमोबाइल पावरहाउस

गडकरी ने गर्व से बताया कि जब उन्होंने परिवहन मंत्री का पद संभाला था तब भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग ₹14 लाख करोड़ का था, और आज यह बढ़कर ₹22 लाख करोड़ का हो गया है। उनका लक्ष्य है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर दुनिया में नंबर वन बन जाए।

उन्होंने तुलना करते हुए बताया कि वर्तमान में अमेरिका का ऑटोमोबाइल उद्योग ₹78 लाख करोड़, चीन का ₹47 लाख करोड़, और भारत का ₹22 लाख करोड़ का है। इस अंतर को कम करने के लिए भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में उठाए जा रहे कदम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 EV Revolution and Farmers’ Role: गांव से शहर तक हर स्तर पर बदलाव

नितिन गडकरी ने बताया कि किसानों ने मक्का (कॉर्न) से एथनॉल उत्पादन के जरिए ₹45,000 करोड़ की अतिरिक्त कमाई की है। उन्होंने इसे ग्रामीण भारत की ताकत बताते हुए कहा कि बायो-फ्यूल्स, एथनॉल और ग्रीन एनर्जी के जरिए भारत एक सतत विकास का मॉडल तैयार कर रहा है।

गडकरी ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत न सिर्फ गाड़ियों में इलेक्ट्रिक ऊर्जा का इस्तेमाल बढ़ाएगा बल्कि कचरे से भी सड़कें बनाने का काम करेगा। उन्होंने बताया कि 2027 तक देश का पूरा segregated solid waste सड़क निर्माण में उपयोग किया जाएगा, जिससे waste to wealth की दिशा में भारत एक नया उदाहरण पेश करेगा।

 EV Costs and Education: नई तकनीक के साथ शिक्षा में भी बदलाव जरूरी

गडकरी ने यह भी कहा कि भारत की असली ताकत उसकी युवा पीढ़ी और कुशल मानव संसाधन में है। उन्होंने बताया कि अगर देश अपने युवाओं को सही शिक्षा, सही कौशल और आधुनिक तकनीकी ज्ञान प्रदान करता है, तो भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकता है।

उन्होंने उच्च शिक्षा संस्थानों से आग्रह किया कि वे अपने पाठ्यक्रम में नवाचार और तकनीकी प्रयोग को शामिल करें ताकि आने वाली पीढ़ी भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहे। गडकरी के अनुसार, EV सेक्टर और ग्रीन एनर्जी इंडस्ट्री में आने वाले वर्षों में लाखों रोजगार के अवसर बनने वाले हैं, जिनके लिए युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना आवश्यक है।

 EV Future India: ग्रीन एनर्जी से जुड़ेगा भारत का भविष्य

भारत का इलेक्ट्रिक वाहन बाजार आने वाले समय में एक क्रांतिकारी मोड़ पर पहुंचने वाला है। पेट्रोल की बढ़ती कीमतों और पर्यावरणीय चुनौतियों के बीच, EV का सस्ता होना भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा

नितिन गडकरी की यह घोषणा न केवल ऑटो सेक्टर के लिए बल्कि देश के पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए भी शुभ संकेत है। भारत अब उस दिशा में बढ़ रहा है जहां हर नागरिक स्वच्छ, सस्ता और टिकाऊ परिवहन का हिस्सा बन सकेगा।

 निष्कर्ष (Conclusion)

नितिन गडकरी का यह वादा कि EV Costs To Match Petrol Car Prices Soon, भारत की ऑटोमोबाइल क्रांति की शुरुआत है। आने वाले महीनों में जब इलेक्ट्रिक वाहन आम लोगों की पहुंच में होंगे, तो देश की सड़कों पर एक नया दृश्य देखने को मिलेगा — सस्ती, स्वच्छ और स्मार्ट मोबिलिटी का युग। यह न सिर्फ कारों की कीमतों में बदलाव है, बल्कि यह भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता और हरित भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।

Disclaimer:
यह लेख सरकारी बयानों और सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं पर आधारित है। EV की कीमतें और योजनाएं समय के साथ बदल सकती हैं। पाठकों से अनुरोध है कि खरीद या निवेश से पहले आधिकारिक स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।

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