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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी में भारत–ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों को मजबूत किया

By: Anjon Sarkar

On: Saturday, October 11, 2025 5:20 AM

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी
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📰 <h1>रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सिडनी में HMAS Kuttabul का दौरा किया, भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की</h1>

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बढ़ते रणनीतिक संबंधों की एक और मजबूत मिसाल शुक्रवार को देखने को मिली, जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑस्ट्रेलिया के ऐतिहासिक नौसैनिक अड्डे HMAS Kuttabul का दौरा किया। यह दौरा न केवल दोनों देशों की समुद्री साझेदारी को मजबूत करने का प्रतीक था, बल्कि रक्षा उद्योग में सहयोग को नए आयाम देने का भी अवसर बना।

सिडनी हार्बर पर स्थित HMAS Kuttabul के इस दौरे में ऑस्ट्रेलिया के सहायक रक्षा मंत्री पीटर खलील भी उनके साथ मौजूद थे। दोनों नेताओं को आधुनिक नौसेना सुविधाओं और वहां की उन्नत तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान उन्हें ‘एडमिरल हडसन’ जहाज पर भी ले जाया गया, जहां समुद्री सुरक्षा के नवीनतम उपायों की झलक दिखाई गई।


<h2>भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग की नई दिशा</h2>

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच Maritime Domain Awareness (MDA) यानी समुद्री क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने और सहयोग को मजबूत करना था। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने एकमत होकर अपने नौसेना सहयोग को और गहरा करने पर जोर दिया।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रक्षा साझेदारी केवल सामरिक नहीं, बल्कि आपसी विश्वास और समान दृष्टिकोण पर आधारित है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों और खुले समुद्री रास्तों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।


<h3>पहला भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग गोलमेज सम्मेलन</h3>

सिडनी में ही आयोजित पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग बिजनेस राउंडटेबल की सह-अध्यक्षता राजनाथ सिंह और पीटर खलील ने संयुक्त रूप से की। इस बैठक में दोनों देशों के रक्षा उद्योगों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य रक्षा तकनीक, उत्पादन और नवाचार में साझेदारी को बढ़ावा देना था। भारत के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों को केंद्र में रखते हुए दोनों देशों ने संयुक्त रक्षा परियोजनाओं और सह-विकास के अवसरों पर चर्चा की।

ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों ने भारत में निवेश और उत्पादन सहयोग में गहरी रुचि दिखाई, वहीं भारतीय उद्योगों ने रक्षा निर्माण में संयुक्त पहल की संभावनाओं पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। इस गोलमेज सम्मेलन ने भारत-ऑस्ट्रेलिया Comprehensive Strategic Partnership को और सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस कदम बढ़ाए।


<h3>भारतीय समुदाय से मुलाकात: संबंधों की नई ऊंचाइयाँ</h3>

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शाम को सिडनी स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भारतीय समुदाय के सदस्यों को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी ऑस्ट्रेलिया में भारत की संस्कृति, परंपरा और मूल्यों के सशक्त प्रतिनिधि हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि प्रवासी भारतीयों ने दोनों देशों के बीच न केवल सांस्कृतिक संबंधों को गहरा किया है, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत बनाया है। इस अवसर पर उन्होंने समुदाय के सदस्यों को भारत की तेजी से प्रगति और वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रभाव के बारे में बताया।


<h2>भारत और ऑस्ट्रेलिया: सामरिक साझेदारी का उज्जवल भविष्य</h2>

राजनाथ सिंह का यह दौरा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। रक्षा, प्रौद्योगिकी और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए स्थिरता और विकास का संदेश देता है।

सिडनी में HMAS Kuttabul का दौरा और भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा उद्योग गोलमेज सम्मेलन इस बात का प्रमाण हैं कि दोनों राष्ट्र अब केवल साझेदार नहीं, बल्कि एक-दूसरे के विश्वसनीय सहयोगी बन चुके हैं।


🕊️ निष्कर्ष:
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सिडनी दौरा भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने वाला कदम साबित हुआ है। यह न केवल दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थायी शांति और प्रगति की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।


🛑 अस्वीकरण (Disclaimer):
इस लेख में दी गई जानकारी सार्वजनिक समाचार स्रोतों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है। लेखक या प्रकाशक किसी भी राजनीतिक या व्यक्तिगत विचार का समर्थन नहीं करते।

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