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 पुतिन और नेतन्याहू की फोन बातचीत – ट्रंप की गाज़ा योजना और ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर चर्चा

By: Anjon Sarkar

On: Tuesday, October 7, 2025 5:20 AM

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दुनिया के दो बड़े नेताओं – रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू – ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फोन वार्ता की। यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब दुनिया भर में रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़रायल-पुतिन और नेतन्याहू की फोन बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा योजना, ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सीरिया में स्थिरता पर विचार-विमर्श किया।

वैश्विक तनाव के बीच हुई अहम बातचीत

यह फोन कॉल तब हुआ जब एक ओर रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध अपने तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है, वहीं दूसरी ओर गाज़ा में संघर्ष लगातार बढ़ रहा है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नज़र इन दोनों संकटों पर टिकी हुई है, क्योंकि दोनों ही मामलों का असर वैश्विक राजनीति, ऊर्जा बाज़ार और मानवीय हालातों पर गहराई से पड़ रहा है।

रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुतिन और नेतन्याहू ने फोन पर सीरिया में स्थिरता कायम करने और ईरान के परमाणु कार्यक्रम के शांतिपूर्ण समाधान के लिए “राजनयिक प्रयासों” को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि किसी भी तरह के टकराव की बजाय बातचीत ही क्षेत्र में शांति का रास्ता खोल सकती है।

नेतन्याहू ने पुतिन को दी जन्मदिन की शुभकामनाएं

इज़रायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इस अवसर पर पुतिन को उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर बधाई भी दी। दोनों के बीच बातचीत का माहौल सौहार्दपूर्ण बताया गया, जो संकेत देता है कि तनावपूर्ण वैश्विक परिस्थितियों के बावजूद रूस और इज़रायल के बीच संवाद की डोर बनी हुई है।

ट्रंप की गाज़ा योजना पर हुई गहन चर्चा

बातचीत का एक प्रमुख मुद्दा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाज़ा योजना रहा, जिसने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। इस योजना का उद्देश्य इज़रायल और हमास के बीच चल रहे लंबे संघर्ष को खत्म करना है।

ट्रंप की इस “रोडमैप योजना” के तहत गाज़ा में बंधक बनाए गए इज़रायली नागरिकों की रिहाई के बदले फिलिस्तीनी कैदियों को आज़ाद किया जाना प्रस्तावित है। हालांकि, इसके कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अभी भी बातचीत जारी है। बताया जा रहा है कि हमास और इज़रायल, दोनों ही पक्षों ने इस योजना के प्रति सकारात्मक संकेत दिए हैं।

रूस और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते पर उम्मीद

इसी बातचीत के दौरान रूस ने ट्रंप के उस बयान का स्वागत भी किया जिसमें उन्होंने रूस के साथ न्यू START परमाणु हथियार नियंत्रण संधि को बढ़ाने की संभावना को “एक अच्छा विचार” बताया था।

राष्ट्रपति पुतिन पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि रूस इस 2010 की संधि के तहत हथियार सीमाओं का पालन एक साल और करने को तैयार है, बशर्ते अमेरिका भी ऐसा ही करे। क्रेमलिन ने कहा कि ट्रंप की इस प्रतिक्रिया ने संधि को बचाने की उम्मीद को फिर से जगा दिया है।

ट्रंप की भूमिका पर बढ़ती वैश्विक नज़र

ट्रंप इस समय खुद को एक वैश्विक मध्यस्थ की भूमिका में प्रस्तुत कर रहे हैं। अगस्त में उन्होंने अलास्का में पुतिन से मुलाकात की थी, जहां रूस-यूक्रेन युद्ध पर संभावित युद्धविराम पर चर्चा हुई थी। हालांकि उस बैठक में तत्काल कोई समझौता नहीं हो पाया, लेकिन ट्रंप की सक्रियता से यह स्पष्ट है कि वह अमेरिका की कूटनीतिक भूमिका को फिर से मजबूत करना चाहते हैं।

शांति के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता

दुनिया के इन दो प्रभावशाली नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब दुनिया एक के बाद एक संघर्षों से जूझ रही है। चाहे वह यूरोप की सीमाएं हों या मध्य पूर्व का बारूद भरा इलाका — हर जगह स्थायी शांति की जरूरत महसूस की जा रही है। पुतिन और नेतन्याहू की यह वार्ता भले ही शुरुआती स्तर की हो, लेकिन यह संवाद भविष्य की कूटनीतिक पहल के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

अगर ट्रंप की गाज़ा योजना को सफलतापूर्वक लागू किया गया, तो यह न केवल इज़रायल और फिलिस्तीन के लिए बल्कि पूरे मध्य पूर्व के लिए एक नया मोड़ साबित हो सकता है। वहीं, रूस और अमेरिका के बीच परमाणु संधि पर सहमति वैश्विक सुरक्षा के लिए एक राहत भरी खबर होगी।

निष्कर्ष

इस फोन कॉल ने यह स्पष्ट कर दिया कि वैश्विक स्तर पर राजनीतिक मतभेदों के बावजूद संवाद और सहयोग की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है। पुतिन, नेतन्याहू और ट्रंप के बीच बढ़ती बातचीत शायद आने वाले महीनों में दुनिया को नए कूटनीतिक समीकरणों की ओर ले जाए।

अस्वीकरण (Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट्स पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल सूचना प्रदान करना है। किसी भी प्रकार के राजनीतिक निर्णय या टिप्पणी का यह समर्थन नहीं करता।

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