
चुनाव आयोग ने वोटर डिलीट करने के लिए किया आधार लिंक्ड फोन नंबर अनिवार्य
हर वोटर के लिए चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बेहद महत्वपूर्ण है। हाल ही में भारत के चुनाव आयोग ने एक नया कदम उठाया है, जिससे वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया और भी सुरक्षित और भरोसेमंद बन गई है। अब किसी भी व्यक्ति के लिए, जो अपने नाम को वोटर लिस्ट में जोड़ना चाहता है या हटाना चाहता है, आधार से लिंक्ड फोन नंबर और ई-साइन करना अनिवार्य कर दिया गया है।
ई-साइन फीचर क्या है?
चुनाव आयोग ने अपने ECINet पोर्टल और ऐप में नया ई-साइन फीचर जोड़ा है। इस फीचर के तहत, जो भी व्यक्ति फॉर्म 6 (नए वोटर के पंजीकरण के लिए) या फॉर्म 7 (मौजूदा वोटर लिस्ट से नाम हटाने या आपत्ति दर्ज करने के लिए) भरना चाहता है, उसे अपने आधार नंबर से जुड़े फोन नंबर का उपयोग करना होगा।
इस प्रक्रिया में सबसे पहले आवेदनकर्ता को फॉर्म भरना होता है। इसके बाद उन्हें एक बाहरी ई-साइन पोर्टल पर भेजा जाता है, जिसे केंद्र द्वारा विकसित कंप्यूटिंग (CDAC) द्वारा होस्ट किया गया है। यहां आवेदनकर्ता को अपना आधार नंबर दर्ज करना होता है और फिर उस नंबर पर भेजे गए OTP के जरिए ई-साइन जेनरेट करना होता है। यह OTP उसी फोन नंबर पर आता है जो आधार से लिंक्ड है।
इस नए फीचर का उद्देश्य वोटर लिस्ट में किसी भी तरह के गड़बड़ी या अनियमितता को रोकना है। अब किसी भी व्यक्ति के लिए अपने नाम को वोटर लिस्ट से हटाना या जोड़ना पहले से अधिक सुरक्षित और ट्रैक करने योग्य हो गया है।
राहुल गांधी के आरोप और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
इस नई व्यवस्था को लागू करने से कुछ दिन पहले, 18 सितंबर 2025 को लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि कर्नाटक के आलंद और महाराष्ट्र के राजुरा में वोटर लिस्ट में गलत तरीके से नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया की गई। उनके अनुसार, एक सॉफ़्टवेयर के माध्यम से पहले वोटर के नाम को लक्षित करके बाहर के मोबाइल नंबरों से आवेदन किए गए थे। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया केवल कार्यकर्ता स्तर पर नहीं, बल्कि कॉल सेंटर स्तर पर केंद्रीकृत रूप से की गई थी।
राहुल गांधी के इन आरोपों के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने इसे “गलत और बेसबेस” बताया, लेकिन आयोग ने इस मामले की जांच के लिए FIR दर्ज करवाई। आलंद और राजुरा में सैकड़ों आवेदन की सच्चाई को लेकर संदेह जताया गया और जांच की प्रक्रिया शुरू की गई।
नए कदम का महत्व
चुनाव आयोग का यह नया कदम न केवल प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगा बल्कि वोटर लिस्ट में किसी भी तरह की धोखाधड़ी को रोकने में भी मदद करेगा। अब किसी भी व्यक्ति के लिए अपने नाम को वोटर लिस्ट से हटाना या जोड़ना पहले की तुलना में कठिन और सुरक्षित हो गया है।
आधार से लिंक्ड फोन नंबर और ई-साइन की आवश्यकता से यह सुनिश्चित होगा कि आवेदनकर्ता वही है, जो दावा कर रहा है। इससे फर्जी आवेदन और केंद्रीकृत गड़बड़ी की संभावना कम होगी। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय लोकतंत्र की सुरक्षा और भरोसेमंदी को बढ़ाएगा।
निष्कर्ष
भारतीय लोकतंत्र में हर वोट की अहमियत है। चुनाव आयोग द्वारा लागू किया गया यह नया ई-साइन फीचर और आधार लिंक्ड फोन नंबर अनिवार्यता इस प्रक्रिया को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। चाहे यह किसी नई पॉलिसी का हिस्सा हो या पुराने आरोपों की जांच का परिणाम, यह सुनिश्चित करता है कि हर वोटर की पहचान सुरक्षित रहे और लोकतंत्र की ताकत बनी रहे।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी चुनाव आयोग और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। वास्तविक प्रक्रियाओं और नियमों में समय-समय पर बदलाव हो सकते हैं।